Shodashi Secrets

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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या

सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥

A unique feature in the temple is the fact souls from any religion can and do supply puja to Sri Maa. Uniquely, the temple management comprises a board of devotees from a variety of religions and cultures.

ह्रीं‍मन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं

ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं

अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे

Devotees of Tripura Sundari interact in many rituals and tactics to precise their devotion and request her blessings.

तरुणेन्दुनिभां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥२॥

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत read more की सृष्टि करती है।

षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram

श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य दाराः ।

हादिः काद्यर्णतत्त्वा सुरपतिवरदा कामराजप्रदिष्टा ।

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

Within the major temple on the Kamakhya complicated resides Shodashi, or Surashi, the Devi of sixteen summers, so named simply because she assumes the form of a youth of eternally 16. She is thought, also as Kamakshi Devi and there is no doubt this is truly her epicenter of electrical power from the terrestrial aircraft.

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